बांका, सितम्बर 24 -- बांका, नगर प्रतिनिधि। नवरात्रि के तीसरे दिन माता चन्द्रघण्टा की पूजा आज जिलेभर में लोग करेंगे। माता चंद्रघण्टा नवदुर्गा के नौ स्वरूपों में तीसरा रूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। इनका नाम "चंद्रघण्टा" इसलिए पड़ा क्योंकि इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित रहता है। माता का स्वरूप शक्ति, वीरता और सौंदर्य का प्रतीक हैं। देवी चंद्रघण्टा की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती हैं। जबकि माता के इस स्वरुप की आराधना करने से साधक को मन में शांति, एकाग्रता और स्थिरता प्राप्त होती है। इससे ध्यान और साधना में सफलता मिलती है। साथ ही चंद्रघण्टा देवी को योद्धा रूप में पूजा जाता है। इनकी कृपा से साहस, आत्मविश्वास और निर्भीकता बढ़ती है। साथ ही देवी नाभि च...