रांची, सितम्बर 23 -- तोरपा, प्रतिनिधि। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मंगलवार को विधि विधान से मां के द्वितीय स्वरूप ब्रहमचारिणी का ध्यान किया गया। मां ब्रहमचारिणी की महिमा का बखान करते हुए पुरोहित अनिल मिश्र ने कहा कि देवी दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों एवं सिद्धों को अमोघ फल देने वाला है। देवी ब्रहमचारिणी की उपासना से तप,त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रहमचारिणी की कृपा से मनुष्य को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है तथा जीवन की अनेक समस्याओं व परेशानियों का नाश होता है। देवी ब्रहमचारिणी का स्वरूप पूर्ण ज्योर्तिमय है। ब्रहम का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली, अर्थात तप का आचरण करने वाली मां ब्रहमचारिणी। देवी ब्रहमचारिणी के दाहिने हाथ में अक्ष माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। मां ब्रहमचारिणी सदैव...