उरई, मार्च 31 -- जालौन। चैत्र मास की नवरात्र के दूसरे दिन नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के देवी मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने देवी के चरणों में रोली, चंदन, नारियल आदि अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। पूरा नगर जय माता दी के जयकारों से गूंज उठा और भक्तिभाव का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। पंडित देवेंद्र दीक्षित ने बताया कि देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां शक्ति ने राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की, जिससे उनका नाम ब्रह्मचारिणी और तपश्चारिणी पड़ा। देवी सरस्वती का स्वरूप मानी जाने वाली मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष रूप से छात्रों और विद्वानों के लिए फलदायी मानी जाती है। उनकी उपासना से बुद्धि, मेधा शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.