नई दिल्ली, सितम्बर 29 -- शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप के दर्शन-पूजन का विधान है। धर्म ग्रंथों में देवी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इस स्वरूप के दर्शन मात्र से पूर्व संचित समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। देवी की साधना करने वालों को समस्त लौकिक-अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। पति रूप में शिव को पाने के लिए कठोर तक के कारण देवी कृष्णवर्ण की हो गई थीं लेकिन शिवजी ने गंगा जल से देवी की कांति लौटाई और वह महागौरी कहलाईं। देवी का दर्शन 30 सितंबर को होगा। कहां है मंदिर: विश्वनाथ मंदिर के निकट प्रतिष्ठित देवी अन्नपूर्णा को ही महागौरी कहा गया है। मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में महानिशा पूजन आज वाराणसी। भोजूबीर (पंचकोशी मार्ग) स्थित मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में 29 सितंबर को शाम पांच बजे महानिशा होगा। क...