समस्तीपुर, जुलाई 20 -- नर्सरी व्यवसाय से जुड़े संचालकों ने 'बोले समस्तीपुर' के मंच पर अपनी समस्याएं साझा की। इस दौरान समस्याओं पर सरकार से ध्यान देने की मांग की। नर्सरी संचालकों का कहना है कि हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाने के बावजूद सरकार और विभागीय स्तर पर उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। नर्सरी संचालकों ने बताया कि पेड़-पौधों की बिक्री का मुख्य समय केवल कुछ महीनों तक सीमित रहता है, लेकिन पूरे साल भर उनकी देखरेख और खर्च जारी रहता है। इसके बावजूद उन्हें किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिलती। कई संचालकों का कहना है कि वन विभाग द्वारा पौधों की खरीद में निजी नर्सरियों से भी पौधों की खरीद हो ताकि इस व्यापार को गति मिले। पौधा बड़ा करना बच्चे को पालने जितना कठिन है। ऊपर से मिट्टी 800 रुपये से बढ़कर 1500 रुपये ट्रॉ...