लखनऊ, सितम्बर 2 -- दारूल उलूम फरंगी महल में माह रबी उल अव्वल के अवसर पर आयोजित हो रहे 12 दिवसयी जलसा सीरतुन्नबी, सीरत-ए-सहाबा व इस्लाह-ए-मुआशरा के नवें जलसे का आयोजन किया गया। जलसे का आरम्भ कारी तनवीर आलम की तिलावत कलाम पाक से हुआ। ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्षम मौलाना मुहम्मद मुश्ताक ने कहा कि खुदा पाक ने नबी पाक की सीरत को इंसानो के मार्गदर्शन के लिए नमूना करार दिया है। नबी पाक ने अपनी हयात में ही अपने अच्छे और सच्चे सहाबाक्राम की वह पवित्र जमात तैयार की जिसके हर फर्द ने अपने आका का हर पैग़ाम पूरी दुनिया में फैलाया। यही वजह है कि मुसलमान इस जमात से भरपूर मुहब्बत करते हैं। मौलाना ने कहा कि तमाम सहाबाक्राम रसूल पाक के इश्क का पैकर थे। इस्लाम की दावत के लिए हम को नबी पाक की सीरत, अहले बैत और तमाम सहाबाक्राम के हालात का अध्ययन करना जरूर...
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