लखनऊ, अगस्त 27 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता दारूल उलूम फरंगी महल में माह रबी-उल-अव्वल के मौके पर आयोजित होने वाले 12 दिवसीय जलसा सीरतुन्नबी, सीरत-ए-सहाबा और इस्लाह-ए-मुआशरा के तीसरे जलसे का आयोजन किया गया। जलसे का आरम्भ कारी कमरूद्दीन की तिलावत कलाम पाक से हुआ। नात पाक दारूल उलूम फरंगी महल के छात्र मोहम्मद अजीम ने पेश की। दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यापक मौलाना मो सुफियान निजामी ने कहा कि नबी पाक की जिन्दगी तमाम इंसानों के लिए मार्गदर्शक है, वह सारे जहां के लिए रहमत बनाकर भेजे गए। उन्होंने पूरी दुनिया को तौहीद व रिसालत और अमन व सलामती का पैगाम दिया। सहाबाक्राम की जमाअत इस्लाम से पहले जिहालत व गुमराही की जिन्दगी गुजार रही थी। मौलाना ने कहा कि हम सब नबी पाक की उम्मत हैं और हम को आप की निसबत पर फख्र है। मौलाना ने कहा कि हम नबी पाक की शान में क...