कन्नौज, मई 7 -- छिबरामऊ, संवाददाता। पहली बार घर से बाहर निकल कर स्कूल की नई दुनिया में प्रवेश लेने वाले बच्चों को अपनी शिक्षिका से एंपैथी (सहानुभूति) और इंस्पिरेशन (प्रेरणा) दोनों मिलनी चाहिए। एक मां की तरह आप उन्हें प्रेम करें, एक दोस्त की तरह उनकी भावनाओं को समझें, तभी आप एक शिक्षक की तरह उनके सच्चे मार्गदर्शक बन सकते हैं। सिटी चिल्ड्रेन्स एकेडमी, तालग्राम रोड शाखा में एंपैथी एंड इनोवेशन विषय पर आयोजित शिक्षक उन्नयन कार्यशाला में प्री प्राइमरी और प्राइमरी वर्ग की शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए यह बात सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, कानपुर की वाइस प्रिंसिपल मधुश्री भौमिक ने कही। जयपुरिया स्कूल से ही आई प्री- प्राइमरी कोऑर्डिनेटर व स्टूडेंट काउंसलर लवलीन मिश्रा ने इन दिनों बच्चों में बढ़ रही एंजायटी (उत्तेजना) एंगर (गुस्सा) व डिप्रेशन (अवसाद)...