बलरामपुर, सितम्बर 13 -- उतरौला, संवाददाता। राप्ती नदी का जलस्तर घटते ही तटवर्ती गांव किनारे तेजी से कटान शुरू हो गया है। नदी किनारे बसे नंदौरी गांव की उपजाऊ कृषि योग्य भूमि तेजी से नदी में समाती जा रही है। अब तक लगभग 200 बीघा खेत नदी में समाहित हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही कटान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो गांव का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है। ग्रामीण गंगाराम यादव ने बताया कि हर साल बरसात के बाद कटान की समस्या बढ़ जाती है। मेहनत से तैयार की गई फसले और खेत देखते ही देखते नदी में समा जाती हैं। इसी तरह संतराम, धर्मराज, छोटेलाल, भगवानदीन, रामलौटन यादव, लखन और रामधीरज का कहना है कि कटान से उनकी रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ रहा है। खेतों के नहदी में समा जाने के कारण परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा है। ग्रामी...