दिल्ली, फरवरी 24 -- नदियां जीवन का आधार है, लेकिन तेजी से बढ़ते प्रदूषण के कारण कई नदियां अब "मृत" होने की कगार पर है.गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां भी दुनिया की प्रदूषित नदियों में शामिल हो चुकी है.नदियां हमारे अस्तित्व और पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ हैं, लेकिन दिनों-दिन बढ़ते प्रदूषण के कारण वे अपने वास्तविक स्वरूप से दूर होती जा रही है.पहाड़ों से निकलते समय नदियां निर्मल और स्वच्छ होती हैं, लेकिन जैसे-जैसे वे शहरों से गुजरती है, उनमें गंदगी और प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है.इसका खामिजाया जीव, वनस्पति और पर्यावरण उठाते हैं.इसका सबसे बड़ा उदाहरण गंगा नदी है—देवप्रयाग में इसका एमपीएन (मॉस्ट प्रॉबेबल नंबर) मात्र 33 प्रति 100 एमएल होता है, लेकिन दक्षिणेश्वर तक पहुंचते-पहुंचते यह एक लाख से भी ऊपर चला जाता है.क्या यह केवल औद्योगीक...