मुरादाबाद, जून 26 -- जुमेरात को मोहर्रम का चांद नजर आ गया। जिसके बाद शिया समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। शिया महिलाओं ने अपने हाथों की चूड़ियां उतारकर काले कपड़े पहने और गमे हुसैन में डूब गईं। लाकड़ीवालान में शिया मस्जिद के पास मशकूर हसन नकवी के मकान पर एक मजलिस का आयोजन किया गया, जिसे मौलाना हसन मुज़तबा ने खिताब किया। मजसिल से पहले मरसिया खुवानी हुई जिसे हाजी नबी हैदर ने पड़ा। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि जुल्म के आगे हक(सिर) झुक नहीं सकता। यही वजह रही कि इमाम हुसैन ने यजीद के आगे बैय्यत नहीं की और हक के लिए अपनी जान अपने परिवार सहित कुर्बान कर दी। इसके बाद अलम मुबारक का जुलूस बरामद हुआ। जो अपने तय मार्ग से होता मांहल्ला लाकड़ीवालान में इमाम बाड़ा हकीम फरजंद अली में जाकर संपन्न हुआ। जुलूस में नौहा खुवानी हुई। मजलिस एवं जुलूस ...