गुड़गांव, जुलाई 10 -- गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम में मेयर और पार्षदों के सदन का गठन हुए चार महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन शहर के ज्वलंत मुद्दों पर कोई महत्वपूर्ण बैठक नहीं हुई है। 12 मार्च को निगम चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद से अब तक सदन की एकमात्र बैठक केवल बजट चर्चा के लिए हुई थी। नियमों के अनुसार हर तीन माह में एक बार सदन की बैठक होना अनिवार्य है, लेकिन इस अनदेखी के कारण पार्षद अपने वार्डों में विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं और शहर की मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सदन की बैठक नहीं होने के कारण पार्षद अपने-अपने वार्डों की समस्याओं को नहीं रख पा रहे हैं। वहीं वित्त एंव सविंदा जैसी समितियों का भी गठन नहीं हुआ है। जिस कारण बड़ी योजनाएं अटक गई है। कई कॉलोनियों में सड़क और सीवर के काम चार माह से लंबित पड़े हुए हैं...