बरेली, सितम्बर 23 -- बरेली। नगर निगम की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। संपत्ति कर पर मनमाने ढंग से महीनेवार ब्याज वसूली कर निगम ने न सिर्फ नियमों की अनदेखी की, बल्कि सवा दो लाख से अधिक करदाताओं को उलझन में डाल दिया। जीआईएस सर्वे के बाद पुराने अधिकारियों ने करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ भी करदाताओं पर डाल दिया। अब डेढ़ साल बाद निगम को खुद ही अपनी गलती का एहसास हुआ है और पुरानी ब्याज प्रणाली फिर से लागू कर दी गई है। पार्षद राजेश अग्रवाल का कहना है कि संपत्ति कर पर बकाया होने की स्थिति में नगर निगम को वार्षिक या विशेष अधिसूचित अवधि के बाद ब्याज वसूलने का अधिकार है। लेकिन पूर्व में तैनात कुछ अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर महीनेवार ब्याज प्रणाली लागू कर दी, जिससे हर महीने चूक पर ब्याज जुड़ता चला गया। पार्षद सतीश कातिब ने बताया कि इस गलत नी...
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