लखनऊ, सितम्बर 5 -- लखनऊ। प्रमुख संवाददाता नगर निगम की लापरवाही और संपत्ति विभाग की मिलीभगत ने भू-माफियाओं को फिर खुली छूट दे दी है। डेढ़ साल पहले जिस 326 एकड़ सरकारी जमीन को अधिकारियों ने करोड़ों की लागत लगाकर कब्जामुक्त कराया था, उस पर अब फिर से भू-माफियाओं का कब्जा होने लगा है। करोड़ों की जमीन पर प्लाटिंग, रेस्टोरेंट और लान खुल रहे हैं, जबकि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं। सदन में दर्जनों पार्षदों ने इस संगीन मुद्दे पर हंगामा किया और साफ कहा कि निगम का बोर्ड उखाड़कर फेंक दिया जा रहा है, शिकायतें अलमारी में बंद हो रही हैं। शकुंतला मिश्रा विवि के पास कब्जा कल्याण सिंह वार्ड की पार्षद आशा रावत ने सदन में खुलासा किया कि रामपुर गांव में 30 से 40 बीघा निगम की जमीन है। जिस पर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव उन्होंने दिया था। इसकी...