प्रयागराज, अप्रैल 14 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नगर निगम प्रयागराज के कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि में किए गए बदलाव को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना उनकी जन्म तिथि में बदलाव करना अवैध और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। जन्म तिथि में बदलाव के खिलाफ राम नरेश और 5 अन्य कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचियों का कहना था कि वे दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम कर रहे थे। एक जून 1992 को उनकी सेवाओं को नियमित किया गया और उन्होंने गैंगमैन के रूप में पदभार ग्रहण किया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उनकी नियुक्ति के समय उनकी जन्मतिथि चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के आधार पर दर्ज की गई थी। हालांकि, अक्टूबर 2025 में जब नगर निगम ने बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू की ...