रांची, नवम्बर 20 -- झारखंड के नगर निगमों को दो वर्गों में बांटने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने 17 नवंबर तक जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि नगर निगमों का वर्गीकरण संवैधानिक है या नहीं। इस संबंध में शांतनु कुमार चंद्रा ने याचिका दायर की है। प्रार्थी का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विनोद सिंह ने बताया कि संविधान के प्रावधानों के खिलाफ जाकर सरकार ने नगर निगम का वर्गीकरण किया है। नगर निगम के वर्गीकरण का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है। सरकार कार्यपालक आदेश जारी कर इस तरह का प्रावधान नहीं कर सकती। अदालत को बताया गया कि सरकार ने निकाय चुनाव के मद्देनजर राज्य के कुल नौ नगर निगम को दो भागों वर्ग 'क' एवं 'ख' में बांट दिया है। 'क' ...