नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। बस्तर में लगातार हो रही कार्रवाई के बाद नक्सली भाग रहे हैं। नए ठिकाने की तलाश में उनका कैडर पूरी तरह बिखर गया है। सुरक्षाबल अपने लक्ष्य के करीब हैं। सुरक्षा रणनीति से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि गिने चुने नक्सल कमांडर और मुट्ठी भर कैडर के सहारे नक्सली ज़्यादा समय तक नहीं बच सकते। माओवादी फिलहाल गरियाबंद-धमतरी से लगे ओडिशा बॉर्डर मजबूत करने में जुटे हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि माओवादियों के डेढ़ हज़ार के करीब सदस्य बचे हैं। इनमें से लगभग एक हजार छत्तीसगढ़ में हैं, जो उनका आखिरी गढ़ है। इनमें भी सशस्त्र कैडर की संख्या काफी कम है। यह 300 के आसपास हो सकती है। झारखंड और ओडिशा में माओवादियों की मौजूदगी बहुत कम है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में भी उनकी गतिविधियां न के बराबर हैं।...