जमशेदपुर, सितम्बर 22 -- झारखंड में कोई आधुनिक लैब नहीं होने के कारण दवाओं की जांच नहीं हो पाती है। यही कारण है कि निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं पर नियंत्रण नहीं हो पाता। सैंपल भेजने के दौरान दवा की बिक्री पर कोई रोक नहीं होती और सैंपल की जांच रिपोर्ट आने तक दवाओं की कई खेप बिक चुकी होती है। प्रदेश में नकली दवाओं का कारोबार लगातार फैल रहा है, जो मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस पूरे मुद्दे पर झारखंड रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में गंभीर सवाल उठाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष पियूष चटर्जी ने कहा कि राज्य में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन लागू नहीं होने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। इसका सीधा असर निर्दोष मरीजों की जान पर पड़ रहा है। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष पियूष चटर्जी के अलावा सचिव मानस मुखर्जी, विशाल पांडे,...
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