उन्नाव, अक्टूबर 12 -- उन्नाव। आगरा में मिली नकली दवाएं देशभर के मेडिकल स्टोरों तक पहुंच रही थी। मामले का खुलासा होने के बाद लोगों में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर असमंजस की स्थिति है। जानकारों की माने तो नकली से बचना है, तो लोगों को जेनरिक दवाओं का रूख करना चाहिए। जिले में भी जेनरिक दवाओं के स्टोर तेजी से खुल रहे हैं। यहां पेटेंट जैसी कारगर दवाएं 85 फीसद कम दामों पर उपलब्ध हैं। जब किसी ब्रांडेड दवा का पेटेंट पूरी अवधि पूरी कर लेता है तो अन्य दवा निर्माता उस दवा के सक्रिय घटकों के साथ जेनरिक दवाएं बनाते हैं। यह दवाएं ब्रांडेड दवाओं जितनी ही असरदार होती हैं, हालांकि उनसे कई गुना सस्ती होती हैं। इससे इनपर मिलने वाला मुनाफा भी कम होता है। इसके साथ ही इनके निर्माण व बिक्री पर शासन कड़ी नजर रखता है, ऐसे में नकली दवा बनाने वाले जेनरिक दवाओं की नकल न...
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