कुशीनगर, मई 30 -- कुशीनगर। अनेंक गंभीर बीमारियों में भी अचूक मानी जाने वाली होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का लाभ अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। अटैचमेंट के सहारे संचालित होने वाले राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को नए डॉक्टर मिल नहीं रहे और महिला डॉक्टर अक्सर अवकाश पर रह रही हैं। ऐसे में इस पद्धति के ज्यादातर अस्पतालों की कमान वहां तैनात फार्मासिस्ट एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हाथों में रह रही है। बेहतर इलाज की उम्मीद में दूरदराज से आने वाले मरीजों को निराशा हाथ लग रही है। जिले में कुल 46 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं। इनके सापेक्ष सिर्फ 31 डॉक्टर ही तैनात हैं। इनमें भी छह महिला डॉक्टर हैं, जिनमें चार अवकाश पर हैं। बाकी ने भी छुट्टी की अर्जी लगाई है। फार्मासिस्ट की बात करें तो प्रत्येक अस्पताल में...