नई दिल्ली, जून 21 -- बच्चे की परवरिश में मांएं अकसर खुद को, अपनी जरूरतों को और जीवन के विभिन्न पहलुओं के बीच संतुलन बनाने की जरूरत को अनदेखा कर जाती हैं। पर, इस बात को समझना जरूरी है कि जैसे नवजात शिशु को देखभाल की जरूरत होती है, ऐसे ही नई मां को भी देखभाल की आवश्यकता होती है। मनोविशेषज्ञ डॉ. शानू श्रीवास्तव कहती हैं, अपने बच्चे के साथ मां भी बड़ी हो रही होती है। ऐसे में यह जरूरी है कि वह बच्चे के साथ खुद की भी थोड़ी देखभाल करे, ताकि दोनों का साथ खुशहाल तरीके से बढ़े। कुछ बातों को ध्यान में रखकर नई मांएं इस सफर में खुद को सशक्त कर सकती हैं:1) खुद के साथ बरतें नरमी यह कहना कि नई मां को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलती, अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसे में बार-बार परवरिश के अपने तरीके में खामी निकालना बंद करें। जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाएगा, तब भी...
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