नई दिल्ली, फरवरी 16 -- सरकार से क्या मांग है? जो मेरे साथ घट गया किसी और के साथ ना घटे। यह कहते हुए एक भाई के आंखें डबडबा आईं। ना मुआवजे की मांग और ना ही किसी पर एक्शन की गुहार। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में बहन को खोने वाले भाई को बस फिक्र है उन तमाम लोगों की जो इस तरह की अप्रत्याशित दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। जांच की जाती है, मुकदमा चलाया जाता है और तबतक नई-नई खबरें पुराने दर्द की खाई को पाटती चली जाती हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह परिवार के 12 लोगों के साथ महाकुंभ जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे। इस हादसे में उनकी बहन की मौत हो गई। युवक ने कहा, रात को 10 बजकर 10 मिनट की ट्रेन थी। लेकिन हम लोग प्लैटफॉर्म तक पहुंच ही नहीं पाए। पहली ही बहुत भीड़ थी। हम सीढ़ियों से उतर रहे थे तभी भीड़ आई। भीड़ में जो...