लखनऊ, अप्रैल 26 -- एलडीए के रिकॉर्ड रूम में रखे नजूल के वर्ष 1862 के नक्शे धूल, नमी और दीमक लगने से खराब हो गए थे। अब उन्हें केमिकल ट्रीटमेंट आदि उपायों से संरक्षित किया जा रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शनिवार को नई बिल्डिंग में स्थित विभिन्न पटल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुराने मानचित्रों के संरक्षण व फाइलों की स्कैनिंग-डिजिटाइजेशन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। पुराने मानचित्रों के संरक्षण का कार्य प्राधिकरण भवन की नई बिल्डिंग के 11वें तल स्थित रूद्राक्ष सभागार में किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था इन्टैक कंजर्वेशन इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञ टीम संरक्षण का कार्य कर रही है। मानचित्रों की फोटोग्राफी कराते हुए केमिकल से दुरुस्त किया जा रहा है। निरीक्षण में संस्था के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रथम चरण में नजूल भ...
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