नई दिल्ली, दिसम्बर 1 -- दिल्ली और मुंबई जैसे देश के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर इतने खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। वहीं बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो रहा है। बीते दिनों नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल को बताया गया था कि अब तक प्रदूषण नियंत्रण के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं वे पुराने आंकड़ों पर आधारित हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि पता लगाया जाए कि आखिर प्रदूषण के प्रमुख और बड़े स्रोत क्या हैं।सड़कों को सुधारने के भी निर्देश प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पीएम लेवल बढ़ाने में धूल का भी बड़ा योगदान होता है। इसलिए शहरों और आसपास के ग्रामीण इलाकों की सड़कों को सुधारने का भी काम किया जाए जिससे ...
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