रांची, अक्टूबर 3 -- रांची, संवाददाता। धुर्वा के शालीमार मैदान में गुरुवार शाम विजयादशमी महोत्सव में बारिश और तेज हवा का खलल पड़ने से मेले में आए लोगों को काफी निराशा हुई। मौसम ने ऐसा कहर बरपाया कि विशालकाय रावण और कुंभकर्ण के पुतले जल नहीं सके। अंत में पुतलों को जमीन पर गिराकर सांकेतिक रूप से जलाते हुए परंपरा का निर्वाह किया गया। लगातार हो रही बारिश ने लंका दहन भी नहीं होने दिया। हालांकि बारिश के बावजूद लोगों की आस्था और उत्साह में कमी नहीं थी। लोग छाता लेकर आयोजन स्थल पर डटे रहे। पुतला दहन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दुबे शामिल हुए। मौके पर सहाय ने कहा कि विजयादशमी सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, यह हमें सत्य, न्याय-अहिंसा के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। समाज में जब तक अच्छाई को महत्व मिलेगा, त...