पौड़ी, मार्च 17 -- राजकीय प्राथमिक विद्यालय केलधार नैनीडांडा में सोमवार को स्कूली बच्चों के साथ फूलदेई मनाकर परीक्षा शुरू की। इस दौरान हिमालयी चिंतन के लिए संगठित और समर्पित सामाजिक, साहित्यिक संस्था धाद की सदस्य और हिंदी, गढ़वाली की वरिष्ठ साहित्यकार सुनीता ध्यानी ने कहा कि फूलदेई त्योहार हमारे पूर्वजों द्वारा दी हुई प्रकृति की अनुपम विरासत है। सुनीता ध्यानी का कहना है कि धाद संस्था पिछले कई वर्षों से विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के साथ फूलदेई का आयोजन करते आ रही है। इस वर्ष भी हजारों बच्चों के साथ फूलदेई का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि फूल हो या रंग, दोनों खुशियों का प्रतीक हैं। फागुन और बसंत दोनों में ही प्रकृति के साथ जुड़ने, रमने का भाव स्वत जागृत हो जाता है। फूलदेई ऋतुराज बसंत के स्वागत में मनाया जाने वाला उत्तराखंड का प्रसिद्...