नई दिल्ली, मई 31 -- दिल्ली हाई कोर्ट ने सशस्त्र बलों में एकता और अनुशासन की भावना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक कमांडिंग अधिकारी की बर्खास्तगी को उचित ठहराते हुए उसे बरकरार रखा है। इस अधिकारी ने खुद के ईसाई धर्मावलंबी होने हवाला देते हुए साप्ताहिक रेजिमेंटल धार्मिक परेड में भाग लेने से इनकार कर दिया था। साथ ही उसने धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान मंदिरों में जाने से छूट देने का अनुरोध किया था। जिसके बाद अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिकारी द्वारा नियमों का पालन नहीं करने से पारंपरिक सौहार्द में बाधा उत्पन्न हुई, जिसके चलते उसकी बर्खास्तगी बिल्कुल सही है। दरअसल मामला भारतीय सेना के उस अधिकारी की बर्खास्तगी से जुड़ा है, जिसने व्यक्तिगत आस्था का हवाला देते हुए रेजिमेंटल धार्मिक परेड में भाग लेने से इनकार कर दिया था। पेंशन या ग्रेच्युटी के ...