कानपुर, मई 4 -- अब आयकर विभाग कभी भी धार्मिक ट्रस्टों की तिजोरियां खंगाल सकता है। इसकी व्यवस्था आयकर विधेयक 2025 में कर दी गई है। यह जानकारी गुमनाम दान पर कराधान एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों पर केसीएएस सीपीई स्टडी सर्कल की ओर से आयोजित में सेमिनार में शनिवार को वक्ताओं ने दी। बताया कि फॉर्म 10बीडी के जरिए दान के विवरण को और सशक्त किया गया है, जो पारदर्शिता बढ़ाएगा। लखनऊ से आए सीए आशीष कपूर ने आयकर विधेयक 2025 के नए नियमों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ट्रस्टों को दानदाता का नाम-पता, पैन-आधार, बैंक लेनदेन विवरण और 80जी रसीद की जानकारी हर हाल में रखनी होगी। ऑटोमेशन सिस्टम, वैध रसीदें और जागरूकता अभियान की भी सलाह दी। दूसरे सत्र में एडवोकेट नवदीप श्रीधर ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पेटेंट, ट्रे...