भभुआ, मई 2 -- बोले वनवासी, हमारे खेत में जो उपजता है उसका क्रय करने से सुधरेगी माली हालत, चिरौजी तैयार करने की यूनिट खुले सिंचाई का पुख्ता प्रबंध नहीं होने से मारी जाती है खरीफ व रबी फसल कर्ज लेकर करते हैं बेटा-बेटी की शादी और बीमार सदस्यों का इलाज (पेज चार की बॉटम खबर) अधौरा, एक संवाददाता। नक्सल प्रभावित अधौरा प्रखंड के जंगल व पहाड़ी इलाके के किसान धान-गेहूं के अलावा जड़ी-बूटी की भी खेती करते हैं। वह जड़ी-बूटी व अन्य वन संपदा बेचकर अपने परिवार की परवरिश करते हैं। लेकिन, उन्हें उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। ऐसे में अब वनवासी धान-गेहूं की तरह जड़ी-बूटी के लिए भी क्रय केंद्र खोलने की मांग सरकार से करने लगे हैं। उनका कहना है कि यहां सिंचाई के अच्छे साधन नहीं हैं। वर्षा पर निर्भर रहकर वह खेती करते हैं। अगर सरकार जड़ी-बूटी का क्रय केंद्र खोलवा ...