आजमगढ़, जुलाई 12 -- आजमगढ़। बरसात के मौसम में खरपतवार अधिक उगते हैं, जो फसल की पैदावार पर सीधा असर डालते हैं। समय से खरपतवार नियंत्रण कर लिया जाए तो खेती कभी घाटे का सौदा नहीं होगी। कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. एलसी वर्मा ने बताया कि इस समय रोपाई का कार्य चल रहा है। जिन किसानों की बुआई या रोपाई 15 से 20 दिन की हो गई है और उसमें खरपतवार दिखाई दे रहे हैं तो खरपतवार का नियंत्रण करें। यदि खरपतवार चौड़ी एवं सकरी पत्ती दोनों तरीके के हैं तो उसमें पोस्ट इमर्जेंस खरपतवारनाशी नॉमिनी गोल्ड जिसे बाजार में विशपाइरीबैग सोडियम के नाम से भी जाना जाता है। इसकी 80 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ एवं मेट सल्लफ्यूरान मिथाइल 8 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। जिससे चौड़ी और सकरी दोनों तरह के पत्ती वाल...