मऊ, अक्टूबर 8 -- मऊ। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वैज्ञानिक डॉ. विनय सिंह ने बताया जनपद में लगातार कई दिनों से तेज हवा एवं बारिश के बीच धान की फसलों को नुकसान पहुंचा है। एक तरफ जिन स्थानों पर धान की बालियां फूटने वाली हैं उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित हुई है, लेकिन तेज हवा के साथ हुई बारिश से उन बड़ी डंठल वाली धान की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिनमें बालियां आ चुकी थीं और वह जमीन पर गिर गई। इस स्थिति में यदि खेत में पानी भर गया हो तो किसान जल निकासी की व्यवस्था करें। पानी खेत में रुकेगा तो बालियों में नमी बनी रहेगी और फफूंद लग सकती है। इसके अलावा किसान गिरी हुई फसल को जल्दी काटें। यदि फसल पक चुकी है, तो उसे जल्द से जल्द काट लें। अक्सर यह देखने को मिलता है कि गिरी हुई फसल जल्दी सड़ने लगती है और दाने अंकुरित हो सकते हैं। कटाई क...