नवादा, नवम्बर 24 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिले के किसान इस वर्ष धान की बम्पर पैदावार के बावजूद गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। धान कटनी का पीक सीजन चल रहा है, लेकिन खेतों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। पारंपरिक रूप से धान की कटाई पूरी तरह से मानव श्रम पर निर्भर करती थी, लेकिन अब यह श्रमशक्ति पूरी तरह से गायब हो चुकी है, जिससे किसानों के पास अपने पके हुए धान को बचाने के लिए हार्वेस्टर अर्थात कम्बाइन मशीन का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। किसानों की यह लाचारी न केवल उनकी जेब पर भारी पड़ रही है, बल्कि इससे एक बड़ा पशु चारा संकट भी जिले में उत्पन्न हो गया है। हाल के वर्षों में हार्वेस्टर पर जिले के किसानों की निर्भरता बढ़ गयी है, जो उनकी मजबूरी बनती जा रही है। पलायन और योजनाओं ने छीना श्रमबल स्थानीय किस...
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