नई दिल्ली, मई 2 -- आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों के धर्म परिवर्तन को लेकर बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति धर्म परिवर्तन कर लेता है, तो उसका एससी का दर्जा भी खत्म हो जाता है। ऐसे में वह अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत संरक्षण का दावा नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट के एकल बेंच पर जस्टिस हरिनाथ ने गुंटूर जिले के रहने वाले अक्कला रामी नाम के शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बयान दिया। अक्लला पर आरोप था कि उसने हिंदू से ईसाई बने एक चिंतादा नामक शख्स को जातिसूचक गालियां दी हैं। अक्कला के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि चिंतादा ने दावा किया है कि वह एक स्थानीय चर्च में पादरी के तौर पर काम कर रहा है। उसने दशक से भी ज्यादा समय पहले अपनी मर्जी से अपने धर्...