देवघर, दिसम्बर 18 -- मधुपुर, प्रतिनिधि। स्थानीय बावनबीघा स्थित सांख्य -योग के विश्व प्रसिद्ध कापिल मठ की गुफा में 38 वर्षों से स्वामी भाष्कर आरण्य साधनारत हैं। स्वामीजी 21 दिसंबर को कापिल मठ के वार्षिकोत्सव के दिन गुफा द्वार पर श्रद्धालु शिष्यों को दर्शन देंगे। कापिल मठ प्राचीन ऋषि परमश्री कपिल मुनि के आदर्श से प्रतिष्ठित है। जीवन में दुख से मुक्ति के लिए सांख्य-योग मार्ग को दिखाया है। स्वामी भाष्कर आरण्य कहते हैं कि शरीर धारण करने वाले लोगों को आध्यात्मिक, अधिभौतिक और दैविक दुख का सामना करना पड़ता है। आध्यात्मिक दुख में जन्म, मृत्यु व्याधि अपनों की बीमारी और मृत्यु सभी को भोगना होगा। अधिभौतिक दुख का अर्थ दूसरों के द्वारा दिया गया दुख है। दैविक दुख में भूकंप बाढ़ आदि शामिल है। मानव को बाहर से शांति कभी नहीं मिलेगा, इसके लिए अंतर्मुखी होना...