छपरा, नवम्बर 2 -- डोरीगंज, एक संवाददाता। गंगा सरयू और सोन नद के संगम पर स्थित परम तीर्थ चिरांद में कार्तिक मास की एकादशी व द्वादशी की तिथि विशेष रही। एकादशी को देव आह्वान के साथ यज्ञ प्रारंभ हुआ और द्वादशी को देवों की आहूति व पूजन के साथ यज्ञ से वातावरण आध्यात्मिक हो गया। गंगा सरयू और सोन नद के पावन संगम पर स्थित परम तीर्थ चिरांद में कार्तिक कल्पवास के समारोह यज्ञ अनुष्ठान में भारत के परम संत श्री श्री1008 मौनी बाबा ने इस यज्ञभूमि के महात्म्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पावन धर्म नगरी है क्योंकि इस भूमि पर स्वयं भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने अपनी लीला से धर्म के महत्व से संसार को अवगत कराया है। इस पुण्यभूमि पर पहुंचने के बाद श्रीराम ने महर्षि विश्वामित्र से यहां की ऋषि परंपरा के बारे में जिज्ञासा किया। श्रीराम के प्रश्नों का ...