बक्सर, जून 15 -- कथा वर्णाश्रम धर्म का विचार नष्ट होने से मानव दानव बन रहा है काफी संख्या में महिला-पुरूष श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है फोटो संख्या-19, कैप्सन- रविवार को रामेश्वरनाथ मंदिर में कथा सुनाते श्रीकृष्णानंद पौराणिकजी महाराज। बक्सर, निज संवाददाता। नगर के रामरेखाघाट स्थित श्रीरामेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में रविवार को तीसरे दिन कथावाचक श्रीकृष्णानंद पौराणिकजी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म का मूल आधार वर्ण एवं आश्रम है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र चार वर्ण एवं ब्रह्मचर्य ,गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास चार आश्रम है। सनातन धर्म में धर्म शब्द कर्म का पर्यायवाची है। धर्म को ही कर्म और कर्म को ही धर्म कहा जाता है। कुरुक्षेत्र के मध्य दोनों आरे की सेनाओं को देखकर अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि माधव इस संग्राम में महाविनाश होगा। मैं इतनी अध...