बेगुसराय, जून 1 -- भगवानपुर,निज संवाददाता। भगवान का अवतार धरती पर अकारण नहीं होता।जब जब धरती पर धर्म की हानि हुई है। उसके बाद भगवान ने कभी कच्छप, कभी नरसिंह, कभी कृष्ण तो कभी श्रीराम के रूप में अवतार लिया है।उन्होंने अधर्म को मिटा कर पुनः धर्म की स्थापना की है। उक्त उद्गार प्रखण्ड क्षेत्र के लखनपुर पंचायत अंतर्गत पालिडीह गांव स्थित ब्रह्म स्थान के प्रांगण मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीजानकी रमण महायज्ञ सह नौ दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन शनिवार की रात ज्ञान मंच से चित्रकूट से पधारे कथावाचिका सुश्री दिव्या पांडे ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में जब धरती रावण के कोप से त्राहि-त्राहि कर रही थी,उसकी कठोर वाणी से धरती थर्राता था, गर्भवती महिलाओं का गर्भपात हो जाता था,चारों ओर पाप और पापियों का डंका बज रहा था। यज्ञशाल...
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