नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- अनुसूचित जाति समुदाय के 19-वर्षीय एक युवक ने धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में पक्षकार बनाए जाने का आग्रह किया है। अभिषेक खटीक द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि वह मध्य प्रदेश के एक आश्रय गृह में जबरन और धोखाधड़ी से धर्मांतरण का शिकार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसे ईसाई प्रार्थना में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया, मंदिरों में जाने से रोका गया और मनोवैज्ञानिक एवं धार्मिक दबाव डाला गया। अधिवक्ता अश्विनी दुबे के जरिये दायर याचिका में कहा गया कि उनकी वर्तमान अर्जी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा मध्य प्रदेश के कटनी के माधव नगर स्थित एक पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। याचिका में दावा किया गया है कि निरीक्षण के दौरान, अभिषे...