अहमदाबाद, अक्टूबर 9 -- गुजरात हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान बहुत महत्वपूर्ण बात कहते हुए बताया है कि धर्म परिवर्तन का शिकार होने का दावा करने वाले लोग भी अगर दूसरों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अदालत ने यह बात उन लोगों की याचिका को खारिज करते हुए कही, जिन्होंने अपने खिलाफ इस मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि अन्य लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रभावित करने पर, उन पर दबाव डालने पर या फिर उन्हें लालच देने के कारण ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। जस्टिस निर्जर देसाई की पीठ को यह बात इसलिए कहना पड़ी, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने अपने बचाव में दावा करते हुए कहा था कि वे मूलरूप से हिंदू थे और अन्य व्यक्तियों द्वारा उनका इस्लाम में धर्म...