नई दिल्ली, नवम्बर 5 -- मध्यप्रदेश के एक 19 साल के युवक ने देश में धर्मांतरण के मुद्दे से संबंधित लगाई गई कई याचिकाओं में पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस युवक ने अपनी याचिका में दावा किया है कि मध्य प्रदेश के एक आश्रय गृह (शेल्टर होम) में रहने के दौरान उसका जबरन और धोखाधड़ी से धर्मांतरण किया गया। उसने आरोप लगाया कि वहां उसे ना केवल ईसाई प्रार्थना सभाओं में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता था, बल्कि मंदिरों में जाने से भी रोका जाता था, साथ ही मानसिक व धार्मिक दबाव भी डाला जाता था।यह याचिका अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक खटीक नाम के युवक ने लगाई है।पक्षकार बनने का उद्देश्य भी बताया याचिका में कहा गया है कि, 'इन मामलों में उसे शामिल करने का उद्देश्य विवादों को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि एक पीड़ित क...