गुमला, सितम्बर 1 -- गुमला, प्रतिनिधि । सरना आदिवासी समाज अपनी धार्मिक परंपरा,आस्था-विश्वास के केंद्र और अस्तित्व को संरक्षित करने को लेकर एकजुट हो रहा है। रविवार को हंदू भगत की अध्यक्षता में आयोजित सरना समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलेभर के सरना स्थलों को अवैध कब्जे और अतिक्रमण से मुक्त कर झंडागड़ी की जाएगी।समिति अध्यक्ष हंदू भगत ने कहा कि धर्मांतरण के कारण आदिवासियत का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने सभी सरना स्थलों का सीमांकन-घेराबंदी करने, गांवों में घूमकुड़िया भवन के निर्माण, पहनाई जमीन का सर्वे कर सुरक्षित करने और पेशा अधिनियम को शीघ्र लागू करने की मांग की। साथ ही चैनपुर के हर्रा पतराटोली स्थित सरना स्थल पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने इसाई धर्मालंबियों द्वारा नियम विरुद्ध करमा मनाने पर नाराजगी जता...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.