नई दिल्ली, जुलाई 4 -- - विपक्ष ने बनाया मुद्दा तो बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में पार्टी को हो सकता है नुकसान - दूसरे मुद्दों को आगे बढ़ाकर इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश - सहयोगी दलों की बढ़ी दिक्कतें, भाजपा के संविधान में भी हैं दोनों शब्द नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा उठाए गए संविधान में धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के शब्दों पर विचार करने के मुद्दे से लेकर भाजपा असहज महसूस करने लगी है। बिहार विधानसभा चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है और अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं केरल जैसे राज्यों में भी उसकी रणनीति प्रभावित हो सकती है। बिहार में भाजपा के सहयोगी दल भी इससे परेशानी महसूस कर रहे हैं। भारतीय राजनीति में बिहार को समाजवादी राजनीति का गढ़ माना जाता है। ऐसे में भाजपा के साथ खड़े सम...
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