मुजफ्फर नगर, सितम्बर 14 -- गांव लुहसाना के सीताराम मन्दिर में आयोजित श्रीराम कथा के तृतीय दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत आचार्य अभिषेक शुक्ला ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है और अहंकारी असुरों की अभिवृद्धि होती है। तब-तब परमात्मा विष्णु मानवशरीर धारण करके असुरों का विनाश करते हैं। देवताओं की प्रतिष्ठा करते हैं तथा वेदप्रतिपादित धर्म एवं संस्कृति की सुरक्षा करते हैं।विप्र, गाय, देवता तथा संत यह चार सनातन धर्म एवं संस्कृति के मूलाधार हैं। विप्र के बिना धर्म के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान एवं प्रतिपादन तथा आचरण संभव नहीं है। धेनु के बिना यज्ञादि धार्मिक क्रियायें संपन्न नहीं हो सकती हैं। देवताओ की कृपा के अभाव में सत्कर्मों का फल उचित प्रकार से नहीं मिल सकता है तथा प्राणी के गुणों का विकास नहीं हो सकता है। सन्त या सज्जन वास्तविक धर्मा...