उत्तरकाशी, अगस्त 7 -- उत्तराखंड के धराली में बाढ़ से तबाही की सूचना पर हम रेस्क्यू के लिए निकल तो गए, लेकिन आगे क्या होना था, किसे मालूम था। अचानक सैलाब आया और हम सबको बहा ले गया। एक बार तो ऐसा लगा कि अब नहीं बचेंगे। सैलाब 300 मीटर तक आगे ले गया, लेकिन इसी के साथ बहकर आ रहे पेड़ सहारा बने। इन्हीं टूटे पेड़ों को पकड़कर हम किनारे तक पहुंचे। हर्षिल में मौत के मुंह से बचकर आए सेना के जवानों का यही कहना था कि हमें दूसरा जीवन मिला है। उन्होंने बताया कि हमारी आंखों के सामने एक जेसीओ, एक हवलदार और सात अग्निवीर ओझल हो गए, जिनका अब तक पता नहीं चल पाया है। बता दें कि हर्षिल में घायल 11 जवानों समेत 13 को बुधवार को हेलीकॉप्टर से मातली लाया गया। यहां आईटीबीपी के अस्पताल में दस जवानों का उपचार जारी है जबकि एक जवान और दो लोगों को देहरादून स्थित मिलिट्री हॉस्...
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