देहरादून, अगस्त 6 -- उत्तरकाशी के धराली हादसे में इतनी तबाही के पीछे पानी की रफ्तार और मलबे का दबाव भी बड़ी वजह रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, जिस तरह से वहां ऊपर से पानी और मलबा आया और चंद सेकेंड में ही तबाही मचाई, तब पानी की रफ्तार करीब 15 मीटर प्रति सेकेंड (54 किलोमीटर प्रति घंटे) रही होगी। इसके साथ ही, उस पानी के साथ आए मलबे ने 250 किलो पास्कल (प्रेशर की यूनिट) का दबाव पैदा किया, जिस कारण एक भी निर्माण टिक नहीं सका। दून विश्वविद्यालय में भूगर्भ विज्ञान के विभागाध्यक्ष डाॅ. विपिन कुमार के अनुसार इस तरह की संकरी घाटियों में अतिवृष्टि या बाढ़ के चलते पानी जब तेजी से मलबे के साथ है तो उसकी रफ्तार काफी ज्यादा होती है। धराली आपदा की वीडियो फुटेज और पुराने अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पानी की रफ्तार 15 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास रही हो...
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