उत्तरकाशी, अगस्त 9 -- धराली आपदा के दौरान एक दो मंजिला होटल में ठहरे 28 वर्षीय चंदन ने उस भयानक हादसे की दास्तान सुनाई जिसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे। खीर गंगा नदी से आए मलबे के सैलाब ने जब होटल को अपनी चपेट में लिया, तो अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। किसी ने कहा 'वहीं रुकिए', तो कोई चिल्लाया 'भागो-भागो'।आंखों के सामने ही तीन लोगों की मौत लेकिन चंदन नहीं भागे। उन्होंने होटल की दूसरी मंजिल की बालकनी में बैठकर सांसें थाम लीं। कुछ ही देर में मलबा होटल की पहली मंजिल में घुस गया। जैसे ही मलबा दूसरी मंजिल तक पहुंचा, होटल झुक गया। जब मलबे का सैलाब थमा, तो चंदन ने किसी तरह बालकनी का दरवाज़ा खोला। नीचे पहली मंजिल में फंसे तीन लोगों की आवाजें सुनाई दीं। उन्हें बचाने के लिए रस्सी फेंकी, लेकिन मलबे की रफ्तार ने उन्हें मौका नहीं दिया। तीनों की आ...
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