देहरादून, अगस्त 16 -- धराली में राहत एवं बचाव कार्यों में तमाम हाईटेक तकनीक की मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं। आपदा के बाद के 72 घंटे काफी अहम थे, लेकिन 12 दिन बाद भी तमाम हाईटेक तकनीक और मशीनों के बावजूद जिंदगी की तलाश में हाथ खाली हैं। धराली में 35 से 40 फुट तक जमा हजारों टन मलबे का ढेर आधुनिक तकनीक की मशीनों के सामने आड़े आ रहा है। यहां जो होटल, मकान खीरगंगा की बाढ़ में धराशायी हुए वह उनका मलबा भी अपने स्थान से कई फुट आगे भागीरथी की ओर बढ़ गया। साथ ही पांच अगस्त की दोपहर में आई आपदा के बाद भी खीरगंगा से लगातार मलबा आता रहा, जिसने मशीनों पर टिकी उम्मीदों को तोड़ने का काम किया। लाइव डिटेक्टर राहत बचाव टीमों ने छह अगस्त को धराली में लाइव डिटेक्टर की सहायता से जिंदगी की तलाश शुरू की। लेकिन एक निश्चित गहराई तक जिंदगी की तलाश करने वाला यह उपकरण ...
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