धनबाद, अगस्त 13 -- धनबाद, प्रमुख संवाददाता विश्व अंगदान दिवस बुधवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर अंगदान महादान का संदेश भले ही दोहराया जाता हो, लेकिन हकीकत यह है कि लोगों में इसके प्रति जागरुकता की भारी कमी है। स्थिति यह है कि धनबाद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए भी शव (कैडेवर) बड़ी मुश्किल से मिलता है। अधिकारियों की मानें तो वर्षों से यहां किसी भी व्यक्ति ने स्वेच्छा से अंगदान या देहदान नहीं किया है। मजबूरी में कॉलेज को लावारिस शव का इंतजार करना पड़ता है। इसे प्राप्त करने में कानूनी प्रक्रिया और समय की लंबी बाध्यता रहती है। कई बार यह प्रक्रिया इतनी लंबी खिंच जाती है कि शव किसी काम का नहीं रहता। हाल के महीनों में भी धनबाद मेडिकल कॉलेज को शव की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा था, जो बड़ी मुश्किल से बिना दावा वाले शव के जरिए पूरी हो प...