धनबाद, जुलाई 30 -- धनबाद, गंगेश गुंजन। धनबाद में वज्रपात लोगों की जान ले रहा है, लेकिन लोग जानकारी के अभाव में मुआवजे से अनजान हैं। बीते पांच वर्षों में वज्रपात से 38 लोगों की मौत हुई है। सरकार वज्रपात से होने वाली मौत पर चार लाख रुपए मुआवजा देती है। मुआवजे के लिए शव का पोस्टमार्टम कराना जरूरी है, लेकिन शव के पोस्टमार्टम से इनकार करने की वजह से परिजन सरकारी मुआवजा नहीं ले पाते हैं। झारखंड के जिलों में 19 जुलाई को ठनका गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई। झरिया में छह जुलाई को 12 वर्ष की बच्ची की ठनका की चपेट में आने से मौत हो गई। बरसात में धनबाद समेत पूरे झारखंड में ठनका गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। धनबाद से लेकर संताल तक लगभग हर दिन किसी न किसी जिले में ठनका से मौत हो रही है। लोगों की लापरवाही की वजह से भी उनकी जान जा रही है। जिला आपदा प्रबंधन...