नई दिल्ली, अक्टूबर 15 -- आज से तीन दिन बाद धनतेरस है। इसी दिन से दीपोत्सव की तैयारी भी शुरु हो जाती है। मान्यता है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर ही भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसी दिन को अब धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ भगवान कुबेर को भी पूजा जाता है। साथ ही शाम में यमराज की भी पूजा की जाती है और उनके नाम का दीया घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है। धनतेरस पर नए बर्तन और सोने-चांदी के सिक्के खरीदने का रिवाज है। कहते हैं कि इस दिन की गई खरीददारी से लाभ मिलता है और धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इसके अलावा धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की पुरानी परंपरा है। अगर आप भी इस धनतेरस झाड़ू खरीदने वाले हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखिएगा।झाड़ू को इस समय खरीदना है शुभ धनतेरस के दिन झाड़ू क...
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